प्यारी (पार्ट - 1)
आज में कहानी आपको बताने जा रही हु,वो एक छोटी सी बच्ची की है।जिसका नाम है प्यारी,प्यारी 10 साल की है,रंग साँवला और भरपूर सुझबुझ से भरी। वैसे तोह प्यारी का नाम उसके दादी ने अंजना रखा था पर जैसे जैसे वो बड़ी हुई जिद्द से अपना नाम प्यारी रखने के लिए कहा,कहती थी अंजना बहोत पुराना नाम है,मुझे अपना नाम प्यारी रखना है क्योंकि में मुझे मेरे रंग की वजह से कोई प्यार नही करता,सब मुह मोड़ लेते है कोई बात करेंगे भी तो अजीब सा शक्ल बनाते है,प्यारी नाम रखेंगे तो उस नाम में ही प्यार है,इसी बहाने सबको प्यारी तोह लगूँगी में।बाते करना तोह मानो प्यारी का हुनर हो।
प्यारी के घर में उसकी माँ,पापा,छोटी बहन और 2 साल का एक छोटा भाई है।प्यारी की माँ लोगो के घर का काम करके घर चलाती है। सोमवार का दिन था प्यारी की माँ की तबियत अचानक से बहुत खराब हो गयी और काम पर जाना भी जरूरी था,तो प्यारी ने उसकी माँ को खाना बनाके दिया और दवाई दे कर सुला दिया और उसकी माँ की जगह पर काम करने चली गयी। प्यारी की मा सबसे पहले सुबह सुबह जोशी मैडम के वहा काम करती थी फिर पटेल मैडम के पास दिनभर बच्चा संभालने का काम करती थी क्योंकि वो दोनों पति पत्नी काम पर जाते थे।प्यारी उसके माँ के काम के बारे में सब जानती थी तो उसने वैसे ही काम करना शुरू किया।पहले वो जोशी मैडम के घर गयी उनको सुबह सुबह गर्म गर्म रोटियां चाइये होती है।जाते ही उन्होंने प्यारी को बहोत डाँट लगाई,प्यारी ने हँसते हुए कहा की "मौसी में छोटी हु लेकिन मुझे सब आता है अबसे कुछ दिन में ही आउंगी मा की तबियत बहोत खराब है,जैसे ही माँ ठीक होगी माँ ही आएँगी" तो जोशी मैडम ने कहा "ठीक है"।फिर प्यारी ने अपना काम निपटाके पटेल मैडम के यहा चली गयी।
दरवाजा बजाती है "ठाक ठाक"
पटेल मैडम "कौन चाहिए तुम्हे? और बेल क्यों नही बजायी??"
"Aunty,मै सविता की बेटी हु आपके यह काम करती है वो मेरी माँ है,कल रात से अचानक से बहुत बीमार है,जब तक वो ठीक नही होती में ही आपके यह काम करूँगी।" प्यारी बताती है।
राय मैडम को यह सुनकर एकदम से चौक जाती है सोचती है ये तो छोटीसी बच्ची है।अब क्या करूँ में?? ये कैसे कर पाएगी,बच्चे को इसके भरोसे कैसे छोड़के जाऊ😥😥😥😥😥😥???
To Be Continued...
अगले पार्ट में क्या हो सकता है हमे कमेंट कर के जरूर बताएं।
जल्द ही अगला पार्ट आप पढ़ पाएंगे।
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