कुछ लफ्ज शहीद काश्मिरी पंडितो के नाम🙏🙏
चिख उठे वो दर्द से,
कहलाते थे काश्मिरी पंडित के नाम से,
आतंक ने कर दिया ऐसा आतंक,
खून से हुई उनकी लाशे लथपथ,
ना कोई उम्मीद बची थी,
ना था कोई सहारा,
कितना तडपा होगा काश्मीर बेचारा,
झुबां होके भी बेझुबां बन गये,
सारे मासुम इस धरती से लिपट गये,
ना बच्चे देखे,
ना बुढे देखे,
ना महिलाए देखी,
और ना ही इंसानियात देखी,
देखी तो बस उन्होने,
काश्मिरी पंडित की जात देखी,
किसीं ने सुनी ही नही उनकी अवाज,
हमेशा बनके रह गयी एक राझ,
मिटा दिया पूर्वजो का इतिहास,
सारे शहीदो को मेरा ये नमन है खास,🙏
अमर रहे मरके भी,
मजबुती की ये एक मिसाल,
खुल गयी सारी गुत्थी,
सब जानेंगे अब इनका दर्दनाक भूतकाल..
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